मंदिर में शंख फूंक दो या अजान पढ़ दो, नहीं कोई बैर अब, ऐसा कोई जयघोष कर दो। मंदिर में शंख फूंक दो या अजान पढ़ दो, नहीं कोई बैर अब, ऐसा कोई जयघोष कर दो।
रोकना नहीं मुझे अपने कदमों को मुझे इस दुनिया से कहीं दूर जाना है। रोकना नहीं मुझे अपने कदमों को मुझे इस दुनिया से कहीं दूर जाना है।
मन के अंधियारों को ज्ञान प्रकाश पुंज से मिलकर दूर भगाएंगे ! मन के अंधियारों को ज्ञान प्रकाश पुंज से मिलकर दूर भगाएंगे !
केवल हृदय परिवर्तन करता लालच बला को दूर करता केवल हृदय परिवर्तन करता लालच बला को दूर करता
प्रेम से हर दिल जगमगाना, दिलों में आज सौहार्द दे जाना, प्रेम से हर दिल जगमगाना, दिलों में आज सौहार्द दे जाना,
आपस में कट्टी तोड़कर, दोस्ती को आगे बढ़ाओ। आपस में कट्टी तोड़कर, दोस्ती को आगे बढ़ाओ।